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Department of Hindi



साहित्य जीवन दृष्टि होता है। जीवन के विभिन्न आयामों का अनुशासन साहित्य के माध्यम से होता है, इसलिए यह अनिवार्य हो जाता है कि पाठ्यक्रम के स्‍तर पर विद्यार्थियों को साहित्य के ऐसे स्वरूप का अध्ययन कराया जाए, जिससे उनकी सफलता और सार्थकता सुनिश्चित हो सके। इसके लिए साहित्य के सैद्धांतिक मानदंड के साथ ही साथ जीवन और समाज का व्यवहारिक ज्ञान अर्जन करना आवश्यक होता है।

महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय का हिंदी विभाग समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है, जिससे विद्यार्थियों को उनकी परंपराओं से परिचित कराया जा सके और उनके ज्ञान की

वृद्धि की जा सके। दिनांक 13-14 सितंबर 2017 को विभाग में नवचेतना परिषद् की सहभागिता के साथ हिंदी दिवस का आयोजन किया। इसमें 2 दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पहले दिन सृजनात्मक लेखन का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा दूसरे दिन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ताकि विद्यार्थियों में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जागरुक किया जा सके। 14 सितंबर 2017 को सभागार कक्ष में आयोजि‍त कार्यक्रम में नीलोत्पल मृणाल, राज देहलवी और राहुल शेष ने अपने गीतों और गजलों से सबका दिल जीत लिया।

इसी कड़ी में विभाग ने संस्कृति कला केंद्र के सहयोग के साथ भारतीय परंपरा को याद करते हुए 22 जनवरी 2018 को वसंतोत्‍सव का आयोजन किया। इसमें लोकनृत्य प्रस्तुति, लोकगीत गायन, कविता प्रतियोगिता के साथ ही साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। समय-समय पर विद्यार्थियों को ज्ञानात्मक उद्बोधन करने के लिए संगोष्ठी का आयोजन करना आवश्यक होता है। अतः हिंदी विभाग ने दिनांक 19-20 फरवरी 2018 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का विषय ‘स्वाधीनता आंदोलन में हिंदी की भूमिका’ था। इस संगोष्ठी के लिए प्रथम दिन दो सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें अतिथि विद्वान जगमोहन सिंह ‘राजपूत’ के साथ प्रो. सदानंद शाही, डॉ. मंजू राय और डॉ. हरेंद्र प्रताप सिंह ने ज्ञानवर्धन कराया जबकि द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. निरंजन कुमार ने किया तथा साथ में डॉ. संजीव कुमार, डॉ. सुधीर कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस संगोष्ठी के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में प्रो. श्‍यौराज सिंह ‘बेचैन’ की अध्यक्षता में प्रो. पूरनचंद टंडन और डॉ. पूनम कुमारी ने व्याख्यान दिया तथा दूसरे सत्र में प्रो. रमेश दीक्षित की अध्यक्षता में प्रो. महेंद्रपाल शर्मा और डॉ. चंद्रदेव यादव ने विद्यार्थियों का उद्बोधन किया।

इस प्रकार हिंदी विभाग ने तीन कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया ताकि विद्यार्थियों के ज्ञानात्मक संवेदन को मजबूत किया जा सके।